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पेशावर -7

Saturday, March 05, 2022

मैंने ख़ामोशी से उनकी आँखों में उस दर्द को देखा जो वह दबाए बैठे थे। चुप्पी गहराती जा रही थी। वह घर पहाड़ी पर बना था जहाँ से दूर तक उस वीरान रा...

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पेशावर - चैप्टर 3

Saturday, February 26, 2022

अमीना ने मेरा हाथ कस कर पकड़ा है। वह मुस्कान के साथ मुझे घूर रही है। इसका क्या मतलब है, मैं समझा नहीं।  'क्या हुआ?' मुझे पूछना पड़ा।  ...

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